अब बस तेरी बाहों में मरना चाहता हूँ..
ये जो कुछ आखिरी सीढ़ियां हैं
तेरे साथ चढ़ना चाहता हूँ
ज़माना बढ़ना चाहता है आगे
मैं वो शाम हूँ जो अब ढलना चाहता हूँ
बहुत भाग लिया इस दौड़ में
अब फुर्सत से बस थमना चाहता हूँ
साँस बहुत भारी लगती है
ये जिंदगी किसी बोझ सी लगती है
तड़प रहा हूँ
अब बस तेरी बाहों में मरना चाहता हूँ
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